रिपोर्ट के मुताबिक, खज़ाने की तलाश शाम 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक चली। उसके बाद पुलिस आई और सर्च रोक दी।
छावा के बॉक्स ऑफिस की सफलता सिर्फ टिकट बिक्री तक सीमित नहीं रही, बल्की ने कुछ अद्भुत असाध्य भी बताए हैं। थिएटर में मराठा के नारे गुनगुनाने लगे और सिनेमा हॉल के अंदर रेसर पर सवार आदमी तक देखने को मिला- ये क्रेज़ सच में देखा था!
लेकिन मध्य प्रदेश में तो बात और भी अजीब हो गई।
छावा देखने के बाद, ( एमपी ) के गांववालों ने असीरगढ़ किले के पास मुगल काल का सोना ये सोच कर किला आस-पास खोदना शुरू कर दिया। फिल्म की कहानी और पुरानी कहानियां (किनवंदंतियों) से प्रेरित होके, लोग फावड़े, मेटल डिटेक्टर और कॉमिक्स ले कर वहां पहुंच गए, ये मन कर कि मुगलों का खजाना यही दबा हुआ है।
बुरहानपुर में असीरगढ़ किले के पास लोगों की भीड़ उमड़ रही है। लोगों का मानना है कि मुगल काल का सोना वहां छिपा हुआ है। गांव वालों ने खुद ही ये मामला अपने हाथों में ले लिया और पूरी रात खेत और किले के आस-पास की खुदाई शुरू कर दी। कुछ लोग तो मेटल डिटेक्टर से भी सोना मांगकर ले सकते हैं।
छावा फिल्म ने लोगों को बना दिया पागल!
खज़ाने की तलाश शाम 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक चली, उसके बाद पुलिस आई और सर्च बंद कर दी। सोना ढूढ़ने वाले तुरंत से भाग गए!
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